सुरह अन-नास (Surah An-Naas) – सूरा नं. 114

“या अल्लाह! हम तेरे बाबरकत कलाम के सफर पर निकल रहे हैं, न सिर्फ पढ़ने के लिए बल्कि गौर व फिकर करने, महसूस करने, मुहब्बत करने और अपनी ज़िंदगी को संवारने के लिए। हमारे दिलों को कुरआन की बहार से सरसब्ज़ व शादाब कर दे।”

मुखलिसाना नोट: कुरआन करीम की फसाहत व बलागत और इसकी गहराई को किसी भी दूसरी ज़बान में पूरी तरह बयान करना मुमकिन नहीं। मेरी कोशिश सिर्फ यह है कि अरबी मतन के लिए हिंदी में एक रहनुमाई फराहम की जाए ताकि इब्तिदाई सतह के कारीन को सहूलत हो। एक संजीदा तालिब इल्म को चाहिए कि वह अरबी ज़बान की तफहीम को मुसल्सल कोशिशों के ज़रिए मज़ीद गहरा करे। कारीन से गुज़ारिश है कि अरबी मतन का मुकाबला कुरआन करीम के मतबूआ नुस्खे के साथ करें। अगर कोई इख्तिलाफ नज़र आए, तो बराए मेहरबानी टिप्पणी के सेक्शन में ज़िक्र करें ताकि बरवाक़्त इसलाह की जा सके। शुक्रिया।

डॉक्टर अनवर जमीक सिद्दीकी


🕋 सुरह अन-नास (Surah An-Naas) – सूरा नं. 114

मक्की सूरा | 6 आयतें | थीम: अल्लाह की पनाह – वसवसों से हिफ़ाज़त


🌿 1️⃣ अरबी आयतें

بِسْمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحْمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ
قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ ٱلنَّاسِ
مَلِكِ ٱلنَّاسِ
إِلَـٰهِ ٱلنَّاسِ
مِن شَرِّ ٱلْوَسْوَاسِ ٱلْخَنَّاسِ
ٱلَّذِى يُوَسْوِسُ فِى صُدُورِ ٱلنَّاسِ
مِنَ ٱلْجِنَّةِ وَٱلنَّاسِ

Bismillah ir-Rahman ir-Rahim
Qul a‘oozu bi-Rabbin-Naas
Malikin-Naas
Ilaahin-Naas
Min sharri-l-waswaasil-khannaas
Allazee yuwaswisu fee sudoorin-Naas
Minal-jinnati wan-Naas


🌸 सूरह अन-नास (Surah An-Naas) – शब्द दर शब्द सरल हिंदी अनुवाद

अरबी शब्दसरल हिंदी अर्थ
قُلْकह दो
أَعُوذُमैं पनाह चाहता हूँ
بِرَبِّ ٱلنَّاسِलोगों के रब की
مَلِكِ ٱلنَّاسِलोगों के बादशाह की
إِلَـٰهِ ٱلنَّاسِलोगों के इला–ह (माबूद) की
مِن شَرِّबुराई से
ٱلْوَسْوَاسِ(उस) फुसफुसाने वाले की
ٱلْخَنَّاسِजो फुसफुसा कर छुप जाता है
ٱلَّذِىजो
يُوَسْوِسُफुसफुसाता है
فِى صُدُورِदिलों / सीने के अंदर
ٱلنَّاسِइंसानों में
مِنَ ٱلْجِنَّةِजिन्नों में से
وَٱلنَّاسِऔर इंसानों में से


📖 2️⃣ आसान हिंदी तर्जुमा (उर्दू अल्फ़ाज़ के साथ)

1. कह दो: मैं लोगों के रब (पालने वाले) की पनाह चाहता हूँ।
**2. जो लोगों का बादशाह है।
**3. जो लोगों का इलाह (माबूद, इबादत के लायक) है।
**4. मैं उसकी पनाह चाहता हूँ उस शैतान की बुराई से जो दिलों में वसवसे डालता है और फिर छुप जाता है।
**5. वो जो लोगों के सीनों में वसवसे डालता है।
**6. चाहे वो जिन्न में से हो या इंसान में से।


🌸 3️⃣ आसान समझ:

  • अल्लाह ही हमारा रब है – जो हमें खाना देता है, प्यार करता है।
  • वो हमारा बादशाह है – सबसे ज़्यादा ताक़त वाला।
  • वो हमारा इलाह है – हम उसी की इबादत करते हैं।
  • लेकिन शैतान चुपके से हमारे दिल में बुरे ख्याल वसवसे डालता है।
  • इसीलिए हम अल्लाह से हिफ़ाज़त मांगते हैं ताकि हम अच्छे काम करें।
  • ये छोटा सूरा हमें सिखाता है कि हर वक्त अल्लाह की पनाह में रहना चाहिए।

📚 4️⃣ दुआ


ऐ मेरे रब्ब, ऐ बादशाह-ए-जहाँ,
हमें बचा ले हर बुराई से तू मेहरबान।

दिल में जो वसवसे आएं चुपके से,
उन्हें मिटा दे तू नूर के झोंकों से।

तू ही इलाही, तू ही सदा का सहारा,
हम सब को बना दे सच्चा बंदा प्यारा।

जिन्न और इंस के धोखे से बचा,
हमें अपनी रहमत की चादर में छुपा।

आमीन ❤️🌺


📊 5️⃣ शब्दों का मतलब:

अरबी शब्दमतलब (हिंदी में)
ربّ (Rabb)परवरदिगार, पालने वाला
ملك (Malik)बादशाह, मालिक
إله (Ilah)माबूद, पूजनीय
وسواس (Waswaas)बुरे ख्याल, وسوسा
خناس (Khannaas)छुप जाने वाला शैतान
جنّة (Jinn)जिन्न, अदृश्य मख़लूक़
ناس (Naas)इंसान, लोग

🌟 6️⃣ सुरह की हिकमत :

  • शैतान इंसान के दिल में चुपचाप वसवसे डालता है।
  • अल्लाह से पनाह माँगना सबसे बड़ी ताक़त है।
  • यह सूरा हमें रुहानी सुरक्षा कवच देता है।
  • इसे हर रोज़ पढ़ना चाहिए: सुबह, रात और जब दिल बेचैन हो।
  • बच्चों को भी इसे याद कराना चाहिए – ये हर उम्र के लिए रहमत है।

अल्लाह तआला हमें और हमारी नस्लों को वसवसों से महफूज़ रखे।
आमीन या रब्बुल-आलमीन 🌺

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