सूरह अल-फ़लक़

“या अल्लाह! हम तेरे बाबरकत कलाम के सफर पर निकल रहे हैं, न सिर्फ पढ़ने के लिए बल्कि गौर व फिकर करने, महसूस करने, मुहब्बत करने और अपनी ज़िंदगी को संवारने के लिए। हमारे दिलों को कुरआन की बहार से सरसब्ज़ व शादाब कर दे।”

मुखलिसाना नोट: कुरआन करीम की फसाहत व बलागत और इसकी गहराई को किसी भी दूसरी ज़बान में पूरी तरह बयान करना मुमकिन नहीं। मेरी कोशिश सिर्फ यह है कि अरबी मतन के लिए हिंदी में एक रहनुमाई फराहम की जाए ताकि इब्तिदाई सतह के कारीन को सहूलत हो। एक संजीदा तालिब इल्म को चाहिए कि वह अरबी ज़बान की तफहीम को मुसल्सल कोशिशों के ज़रिए मज़ीद गहरा करे। कारीन से गुज़ारिश है कि अरबी मतन का मुकाबला कुरआन करीम के मतबूआ नुस्खे के साथ करें। अगर कोई इख्तिलाफ नज़र आए, तो बराए मेहरबानी टिप्पणी के सेक्शन में ज़िक्र करें ताकि बरवाक़्त इसलाह की जा सके। शुक्रिया।

डॉक्टर अनवर जमीक सिद्दीकी


🌙 सूरह अल-फ़लक़ – अरबी आयतें (Surah Al-Falaq – Arabic Verses)

بِسْمِ اللّٰہِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیْمِ
قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ الْفَلَقِ
مِنْ شَرِّ مَا خَلَقَ
وَمِنْ شَرِّ غَاسِقٍ إِذَا وَقَبَ
وَمِنْ شَرِّ النَّفَّاثَاتِ فِي الْعُقَدِ
وَمِنْ شَرِّ حَاسِدٍ إِذَا حَسَدَ


📖 2️⃣ शब्द-दर-शब्द हिंदी अनुवाद (Word-by-Word Hindi Translation)

🕋 अरबी शब्द📘 हिंदी अर्थ (उर्दू शब्दों सहित)
قُلْ (Qul)कह दो
أَعُوذُ (A‘udhu)मैं पनाह माँगता हूँ
بِرَبِّ (Bi-Rabbi)रब की, पालनहार की
الْفَلَقِ (Al-Falaq)सुबह की रौशनी (फ़लक़)
مِنْ شَرِّ (Min Sharri)बुराई से
مَا خَلَقَ (Ma Khalaq)जो कुछ उसने पैदा किया
غَاسِقٍ (Ghaasiqin)अंधकार, गहरी रात
إِذَا وَقَبَ (Iza Waqab)जब वह छा जाए
النَّفَّاثَاتِफूँक मारने वाली (जादू करने वाली) औरतें
فِي الْعُقَدِगाठों में (जिनमें जादू किया जाता है)
حَاسِدٍ (Haasid)जलन रखने वाला (हासिद)
إِذَا حَسَدَ (Iza Hasad)जब वह जलन से कुछ बुरा करना चाहे

🌟 सरल व भावनात्मक व्याख्या

आयत 1:

“कह दो, मैं सुबह के रब की पनाह चाहता हूँ।”
➡️ अल्लाह वह हैं जो अंधेरे को हटाकर सुबह की रौशनी लाते हैं। उनसे हम हर डर से सुरक्षा मांगते हैं।

आयत 2:

“उसकी बनाई हर चीज़ की बुराई से।”
➡️ कुछ चीज़ें इस दुनिया में नुकसान पहुँचा सकती हैं, इसलिए हम अल्लाह से बचाव चाहते हैं।

आयत 3:

“अंधेरी रात की बुराई से जब वह पूरी छा जाए।”
➡️ रात के सन्नाटे और डरावने वक़्तों में, अल्लाह की पनाह ही हमारी शांति है।

आयत 4:

“गाठों में फूँक मारने वाली औरतों की बुराई से।”
➡️ जादू और बुरी नज़र से बचने के लिए हम अल्लाह से मदद मांगते हैं।

आयत 5:

“और हसद करने वाले की बुराई से जब वह जलन करे।”
➡️ जलन और बुरे इरादों से बचने के लिए, अल्लाह की सुरक्षा सबसे मजबूत ढाल है।


🕊️ भावनात्मक दुआ (Poetic Rhymed Dua in Hindi)

या रब्बुल फ़लक़, तू सुबह की रौशनी,
बचा हमें हर बुराई, हर साज़िश से सदा।
चाहे वो रात का डर हो या किसी की हसद,
तेरा नाम ही हमारे लिए सबसे बड़ी दवा।
हमारी रूहों को कर दे पाक व हलाल,
तेरी रहमत में हम रहें हर हाल।
आमीन 🌺


📚 शिक्षाप्रद शब्द सूची (Educational Word Table)

🌸 अरबी शब्द🕯️ सरल अर्थ (उर्दू सहित)
الفلقसुबह की रौशनी
شرबुराई / नुकसान
غासقरात का अंधेरा
نفاثاتफूँकने वाली औरतें (जादूगरनियाँ)
عقدगाठें या बंधन
حاسدजलन करने वाला व्यक्ति

📖 क़ुरआनी हिकमत (Qur’anic Wisdom)

सूरह फलक हमें सिखाती है कि बाहरी अंधेरे, बुरी नजर, जलन और जादू से सिर्फ अल्लाह की पनाह ही बचा सकती है।
🕋 नबी करीम ﷺ रोज़ाना सोने से पहले सूरह फलक और सूरह नास को पढ़कर अपनी हथेलियों पर दम कर लेते और पूरे जिस्म पर फेरते।
📿 यह सूरतें रूहानी सुरक्षा कवच हैं — जैसे अल्लाह की रौशनी की चादर।


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